नरेंद्र मोदी रविवार शाम 7 बजकर 15 मिनट पर तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। कार्यक्रम में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे। दिल्ली में सुरक्षा सख्त कर दी गई। अब सभी की नजरें इस बात पर लगी हुई है कि मोदी के मंत्रिमंडल में किस दल को कितने और कौन कौन से मंत्रालय मिलेंगे। बहरहाल यह तय है कि दलों को बता दिया जाएगा कि उनके कितने नेता मंत्री बनेंगे। मंत्री पद किसे मिलेगा इसका फैसला उस दल का नेता ही करेगा।
बताया जा रहा है कि एनडीए में TDP को 3, JDU को 2 और लोजपा, शिवसेना, जनकल्याण, जदएस, रालोद को 1-1 मंत्री पद देने पर सहमति बनी है। अपना दल सोनेवाल की अनुप्रिया पटेल, हम के जीतनराम मांझी समेत कई छोटे दलों के नेताओं को भी मंत्री पद दिया जा सकता है। एनसीपी को भी मंत्रिमंडल में एक पद मिल सकता है।
अमित शाह ने एनडीए में शामिल सभी दलों से अलग अलग बैठक कर कैबिनेट में उनकी भूमिका पर चर्चा की। जदयू संग हुई बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के अलावा संजय झा और ललन सिंह मौजूद थे। चंद्रबाबू नायडू के साथ भी 2 TDP सांसद थे, जबकि अजीत पवार के साथ प्रफुल्ल पटेल थे। पवन कल्याण व चिराग पासवान ने अकेले ही मुलाकात की।
दावा किया जा रहा है कि विभागों का फैसला रविवार को होने वाले शपथ के दिन या उसके बाद किया जाएगा। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि गृह, वित्त, रक्षा और विदेश जैसे मंत्रालय भाजपा हर हाल में अपने ही पास रखना चाहेगी। नीतीश की नजरें रेल मंत्रालय पर है तो टीडीपी लोकसभा स्पीकर का पद अपने पास रखना चाहती है।
बताया जा रहा है कि एनडीए में TDP को 3, JDU को 2 और लोजपा, शिवसेना, जनकल्याण, जदएस, रालोद को 1-1 मंत्री पद देने पर सहमति बनी है। अपना दल सोनेवाल की अनुप्रिया पटेल, हम के जीतनराम मांझी समेत कई छोटे दलों के नेताओं को भी मंत्री पद दिया जा सकता है। एनसीपी को भी मंत्रिमंडल में एक पद मिल सकता है।
अमित शाह ने एनडीए में शामिल सभी दलों से अलग अलग बैठक कर कैबिनेट में उनकी भूमिका पर चर्चा की। जदयू संग हुई बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के अलावा संजय झा और ललन सिंह मौजूद थे। चंद्रबाबू नायडू के साथ भी 2 TDP सांसद थे, जबकि अजीत पवार के साथ प्रफुल्ल पटेल थे। पवन कल्याण व चिराग पासवान ने अकेले ही मुलाकात की।
दावा किया जा रहा है कि विभागों का फैसला रविवार को होने वाले शपथ के दिन या उसके बाद किया जाएगा। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि गृह, वित्त, रक्षा और विदेश जैसे मंत्रालय भाजपा हर हाल में अपने ही पास रखना चाहेगी। नीतीश की नजरें रेल मंत्रालय पर है तो टीडीपी लोकसभा स्पीकर का पद अपने पास रखना चाहती है।
बहरहाल एक बात तय है कि इस बार मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा मंत्री बिहार से हो सकते हैं। नीतीश, चिराग और जीतनराम मांझी के साथ ही भाजपा सांसदों को भी मंत्री बनाया जाएगा। इन सबको मिलाकर बिहार के मंत्रियों की संख्या 6 से 8 के बीच हो सकती है।
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