आप को बता दें कि कैलाश मंदिर को दुनिया का सबसे ज्यादा रहस्यमई मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर देखने में जितना रहस्यमई है, उतना ही अद्भुत भी है। इसमें जितने राज इस मंदिर के साथ जुड़े हैं उससे कहीं ज्यादा इस मंदिर के नीचे जाती गुफाओं से जुड़े हैं।
आपको इतिहास में इन गुफाओं के बारे में कई बार जिक्र मिल जाएगा। लेकिन इन गुफाओं को सरकारी तौर पर बंद किया गया है और इससे यह सवाल भी उठता है कि कैलाश मंदिर की गुफाओं में ऐसा क्या राज दफन है? जिसे सरकार भी लोगों से छिपा रही है।
आखिर क्या है कैलाश मंदिर की गुफाओं का रहस्य
माना जाता है कि कैलाश मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी में करवाया गया था, लेकिन कई विशेषज्ञ इस मंदिर को उससे भी कई हजार साल पुराना मानते हैं। अगर यहां की कहानी माने तो रास्त्रकुट्टा के राजा कृष्णा प्रथम ने इस मंदिर को बनवाया था।
दरअसल कृष्णा प्रथम को एक गंभीर बीमारी थी, तो उनकी पत्नी ने भगवान शिव से मांगा कि अगर उनके पति की बीमारी ठीक हो जाए, तो वह यहां मंदिर बनवाएंगे। और जब तक वह मंदिर का शिखर नहीं देख लेती वो व्रत रखेगी।
उसके बाद राजा कृष्णा प्रथम ठीक हो गए और जब वह मंदिर बनवाने लगे तो उन्हें बताया गया ऐसा मंदिर बनने में सालों लग जाएंगे और आप इतना लंबा व्रत नहीं रख पाएंगी। तब वह भगवान शिव से ही प्राथना की भगवान शिव भी उनकी मदद करें। तब उन्हें अस्त्र प्रदान हुआ जिसे भूमि अस्त्र कहते हैं।
उस अस्त्र की सहायता से इस चट्टान पर मंदिर ऊपर से नीचे की तरफ बनाया गया, तब इस मंदिर का शिखर कुछ ही दिनों में देखा जा सका। जो काम मजदूरों द्वारा 200 सालों में होता वही काम भूमि अस्त्र से कुछ ही समय में हो गया यह अस्त्र मिट्टी को भाप बना देता था।
में एक पुरातत्व शास्त्री के बारे में बताया था। उन्होंने यह भी बताया था की यह मंदिर इतना बड़ा नहीं है जितना यह बाहर से दिखता है बल्कि इन गुफाओं के नीचे इस से भी विशाल निर्माण करवाया गया है। इसके साथ ही कई और पुरातत्व शास्त्रियों ने भी कैलाश मंदिर की गुफाओं पर किए गए शोध के बारे में बताया था।
उन्होंने अपनी रिसर्च में बताया था कि इस मंदिर के नीचे हाय रेडियो एक्टिविटी है, जिसके कारण ज्यादा समय नीचे नहीं बिताया जा सकता। लेकिन यह रेडियो एक्टिविटी पूरी जगह पर नहीं फैली।
बल्कि यह इन गुफाओं के और भी नीचे किसी एक स्रोत से ही आ रही थी। जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत पर कब्जा किया तो उन्होंने ऐसे ही प्राचीन जगहों को अपने कब्जे में ले लिया। और यहां सिर्फ इंग्लिश शोधकर्ताओं को ही जाने दिया जाता था।
आज भी चौंकाता है कैलाश मंदिर के सातवें दरवाजे का रहस्य
बता दें कि कैलाश मंदिर के इन गुफाओं को भारत के आजादी के पहले ही बंद कर दिया गया। और इससे जुड़ी रिसर्च को भी मिटा दिया गया। लेकिन आजादी के 70 साल बाद भी इन गुफाओं को बंद ही रखा गया है, और इस पर सरकारी तौर पर भी शोध पर रोक लगाई गई है। इसका कारण इन गुफाओं का खतरनाक ढलान होना बताया गया है।
इन सब बातों से यही साबित होता है कि कैलाश मंदिर की गुफाओं में आज भी कई राज दफन है, जो हम सब छुपाया जा रहा हैं। और पुराने इंग्लिश रिसर्च का अध्ययन करें तो यह बात सामने आती है की इन गुफाओं के नीचे एक स्रोत से ही रेडियो एक्टिविटी पैदा होती थी। अगर सच में ऐसा था तो हो सकता है कि इसमें आज भी वह प्राचीन अस्त्र मौजूद हो, जिनकी मदद से इस मंदिर का निर्माण करवाया गया।
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