दुनिया भर में 25 से 30 प्रतिशत लोगों को खर्राटे की समस्या है, जिनमें 5 में से 1 युवा है। यानी देश का हर चौथा व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है। कुछ लोग इस समस्या को मजाक के तौर पर लेते हैं, लेकिन यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। खर्राटे से पीड़ित व्यक्ति को दूसरों की तुलना में अधिक परेशानी होती है। खर्राटे लेने का वास्तव में मतलब है कि आप नाक के अंदर किसी विकार से पीड़ित हैं। क्योंकि सिर, मुंह, दांत, कान और आंखें सभी नाक से जुड़े होते हैं। इसलिए खर्राटे लेना सिर्फ नाक की समस्या नहीं है, यह नाक से जुड़े इन अंगों से जुड़ी समस्याओं का संकेत भी हो सकता है।
खर्राटों की समस्या को दूर करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय हैं। आइए जानते हैं इन आसान और असरदार आयुर्वेदिक उपायों के बारे में।
1.नाक में गाय का घी लगाना चाहिए
गाय के घी की दो बूंद सुबह और रात को नाक में डालने से अच्छी नींद आती है। यह सिरदर्द, तनाव, माइग्रेन आदि से भी राहत दिलाता है। गाय का दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है और एलर्जी को कम करता है। इतना ही नहीं याददाश्त और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। यह प्रक्रिया 21 दिन से 3 महीने तक करनी होती है।
2. आणविक तेल
यदि आप गाय के घी का उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो आप इसकी जगह आणविक तेल का उपयोग कर सकते हैं। यह एक आयुर्वेदिक तेल है जिसका उपयोग आप नस्य चिकित्सा के लिए कर सकते हैं। लेकिन ऐसा करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
3. ऑटो इम्यून डिसऑर्डर की समस्या को दूर करेगी नस्य थेरेपी
ऑटो इम्यून डिसऑर्डर में भी नस्य थेरेपी काफी कारगर साबित होती है। इसके अलावा नस्य थेरेपी ऑटो इम्यून थायराइड, रूमेटाइड अर्थराइटिस, मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी बीमारियों से भी बचाती है।
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